प्रस्तावनाखंड : विभाग तिसरा. बुद्धपूर्वजग

प्रकरण ६ वें
ब्राह्मण्याचा इतिहास

आंगिरसगण

भारद्वाजागिरसांपैकी - भारद्वाज, कपि, गर्ग, रौक्षायण.
भारद्वाज गोत्रांतील भेद- भारद्वाज, क्षाम्यायण, मेगड, देवाश्व, इद्वहऱ्य, प्राग्वंशि, वाहच्छंन, वाह्योग, वासीतायन, तैदेह, आश्ल, औक्ष, शूरि, पारिणद्धेय, केशरवेव, शौद्गि, ऊरूढ, खारग्रीवि, औपसयोति, अग्निवेश्य, शव, गौरिवायन, खेलक, स्तनकर्ण, ॠक्ष, माणमिंद्य, वद्धोदक, सौज्वलाप, वैल, खौरड, देवयोनि, भरूंडेय, भंदादय, सारंभर, शुंग, देवमाय, इफ्त्तम. औदमेधि, प्रावाहणेय, कल्माप, राजस्तव, संधोप्रकृति, पराहराय, बलभोकि., रुद्रागपथि, शालद्विल, बेदचेल, नृत्यायन, नृत्य, शालालय, शार्हलि, काक्षले, बाष्कल, सैह्यकय, कोडायन, कौण्डिन्य, ब्रह्मस्तंभ, राजस्तंभ, अग्निस्तंभ, वायुस्तंभ, सूर्यस्तंभ, सोमस्तंभ, विष्णुस्तंभ, यमस्तंभ, इंद्रस्तंभ, आपस्तंभ, आरण, सिंधव, कौमुदगधि, शिखायन, मांत्रेयायण, भामाण्य, कुक्ष, कौकाक्षय, तैंदुदय, दार्भि, शामेय, मत्स्यक्राथ, वारुणायन, कारुणपथि,कारिपाय, कावल्य, सौहय, वालिशायन, वाराहि, विविपि, शिलामलि, पैल, शालंकायन, जैम्हलायनि, साष्टकि, लापायनि, आपस्तबि, धौतांचकि, जित्यद्रोणी, बाह्यगच्छि, सव्यकथा, स्वारग्रीवि, वाजपृष्टि, प्रवाहि, दशदीकि, स्तूर्णकर्णि, काचि, देवागरि, हारिकर्णि, सपौलि, सौमेय, मालोहर, खगखलायन, सौविष्ट, हलोदर, सात्यमुग्नि, लेखायन, करुणायन, चेल, रक्ष, किकायन, वाललक्ष, गौरिव, सौपथ, सौभर, सौबुद्धि, धौर, लिक, विकिर, कुपिय, मालाहल, श्रीपथ, अपिन, निद्रागवध, माधुकवर्य, शैखेय, कांडण्य, औवेय, मैथुनमति, कोरुलेत्रय, खारणदय, देवस्थानि, शालुहुव, गोखपिंगलि,गंगोदय, अधिकारग्रीवि, अयबकि, मापायण, शाक्र, काज, सौविश्व, कमुकायन, सिंघव, सावय, वाहय, सामस्तंबि, सोमस्तंबि, ब्रह्मस्तंबि,  आश्वलायन, मार्केंडेय, कक्क, सौंगय.

कपि गोत्रांतील भेद-  कपि, स्पस्तितरव, बिंदुब, दंडि, दिक्ष्वशक्ति, पतंजलि, भूपासिन्, स्तैरंवय, वैतकि, ऊर्ध्व, राजकंशिन्, कलसिन्, कण्व, करीतप, वान्यायन, आमावास्यायन, कात्यायन, कपेतर, स्वेदतर, जलसिंचय, कुसीदरि, सौजटि, साभवि, सलि, क्षण्य, सावस्थायनि,

गर्ग गोत्रांतील भेद- गर्ग, सांभरायण, सस्वीनय, माधरायण, बाहुलि, भ्राष्ट्रकृत्, भ्राष्ट्राधृत, भ्राष्ट्राबदु, क्रौष्टकि, सौयामुन, भ्राजिनाक्षि, होत्रापचि, सत्यापचि, वात्स्यतरायन, सौभाद, वत्सचतुरायण, काण्वायन, साख्यायन, कानायन, कैवलायन, कौंडायन, भारमत, पैशंग, पैल्वकायन, विश्वायवक्रायन, क्रालिन, मधुरावह, सापरिवार, वालाकि, शालायनि, साहनि, मायराचर, ऐंद्रालय.
लोपकृत, वांखायन, शारायण, श्यामायन, रामिण, भांगिन, कारिण, आस्मिन,

क्रीडिन, राचारत, भूलविद, औपमर्कट, कार्पायन, कौंजपि, शालकायन, कोलास्त्र, श्याम.

रौक्षायण गोत्रांतील भेद- रौक्षायण, कापिल, शबल, शिफिल, विनिडि, कौयुम, अग्निजिव्ह,कर्ण,सुत.